लगन मिथुन राशि की हो और केतु लगन मे विराजमान हो तो व्यक्ति को लोगों की भीड में अग्रणी बना देता है। आज के युग मे सबसे आगे वही निकल जाता है जो कमन्यूक्शन मे परफ़ेक्ट होता है,जिसे लोगों से बोलना आता है जिसे समय पर लोगों की सहायता करना आता है जिसे बोलने की कला आती है जो धर्म नियम समाज परिवार पिता कानून विदेशी लोगों के बारे में जानकारी रखता है वही आगे निकलता चला जाता है। लगन में मिथुन राशि का केतु अपनी ताकत को सप्तम से लेता है,कोई भी व्यक्ति उससे साझेदारी वाली हैसियत में आने पर उसे असीम शक्ति को प्रदान कर देता है। राहु की शक्ति धर्म मर्यादा कानून विचारों की श्रंखला को बेलेंस बनाने के लिये शक्ति के साधनों में तालमेल बैठाने में जीवन साथी की सोच को अपने आप सही रूप में प्रदर्शन करने के लिये अपने भावों को प्रदर्शित करने के लिये अपने द्वारा जीवन की लडी जाने वाली लडाइयों के लिये चाहे वह धर्म के लिये हों सोफ़्टवेयर तकनीक के लिये हो ज्योतिष और पराशक्तियों के बारे में विश्लेषण करने के लिये हो सभी के लिये अपनी अलग से बेलेंस करने की क्षमता का विकास यह केतु अपने आप करवा लेता है,गोचर से जहां जहां यह केतु जाता है अपने अनुसार उसी भाव का फ़ल देता जाता है,राहु और केतु की चाल उल्टी होती है,तो जो व्यक्ति सीधे रास्ते से चलता है लोगों के अन्दर साधारण आदमी माना जाता है लेकिन जो कुछ अलग से और उल्टे रूप में चलता है वह अपने नाम को कमाने में जाना जाता है।
मिथुन के केतु की तीसरी नजर तीसरे भाव में सिंह राशि में होती है,यह राशि बुद्धि के लिये मानी जाती है,जब कोई केतु रूपी साधन सरकार से सम्बन्ध रखने वाली बुद्धि से सम्बन्ध रखने वाली सन्तान से सम्बन्ध रखने वाली मनोरन्जन और खेलकूद से सम्बन्ध रखने वाली हो साथ ही वह अपने अहम के लिये भी जानी जाती हो तो जातक के लिये हमेशा फ़लीभूत करने वाली होती है। तीसरे भाव का सीधा सम्पर्क सप्तम से भी होता है और सप्तम का राहु इस भाव में अपना असर देता है तो व्यक्ति के अन्दर कलाकारी का भूत सवार कर देता है,और इस भाव में अगर किसी प्रकार से शुक्र का बैठना बन जाये तो जातक बुद्धि के मामले में मनोरंजन और कम्पयूटर की एमीनेशन चित्रकारी कपडों के कामो के लिये औरतों को सजाने संवारने के लिये मनोरन्जन के मामले में खेल कूद के मामले में अपने नाम को कमाता चला जाता है लेकिन यह राहु शुक्र का असर जीवन के शुरु में तो मनोरन्जन और कलाकारी को प्रदान करता है तथा जवानी में स्त्री सम्पर्क और लव अफ़ेयर आदि की बात करता है बुढापे में चमक दमक वाली सम्पत्ति को इकट्ठा करने और अपने नाम को चमकाने के लिये अपने कार्यों को करने के लिये माना जाता है शुक्र सजावटी कामों के लिये जाना जाता है साथ ही केतु की शक्ति से अपने को कलम या ब्रुस का भी हुनरमंद होने के लिये भी संसार में उपस्थित करता है। इस भाव का मालिक कालपुरुष के अनुसार बुध है बुध हमेशा गणित और बोलने की शक्ति को प्रदान करने वाला है,अगर बुध किसी प्रकार से इस भाव से अपना सम्बन्ध रख लेता है तो व्यक्ति को एक्टर बनाने की पूरी की पूरी शक्ति प्रदान कर देता है,व्यक्ति बोलने में अपने प्रदर्शन करने में किसी से कम नही होता है। वह कपडों को पहिनें ड्रेस को बनवाने में और बनाने में वक्त के अनुसार सजाने में टीवी मीडिया कैमरा के सामने आने में विज्ञापन आदि को प्रदर्शित करने में अपनी कला का पूरा का पूरा प्रयोग कर सकता है,अक्सर इस प्रकार के लोग अगर किसी प्रकार से फ़ैसन डिजायन आदि में आजाते है तो उनका नाम हमेशा के लिये केवल फ़ैशन वाले कामो के लिये जाना जाता है। अगर इस भाव में गुरु का सम्बन्ध बन जाये तो व्यक्ति को अपने को शिक्षा या कानून के मामले में अथवा किसी प्रकार पत्नी को शिक्षा वाले मामले में जाना पडता है अथवा शादी करने के लिये किसी शिक्षा या कपडे के व्यवसाय के अन्दर अपने को रखने वाले व्यक्ति से अपना सम्पर्क रखने के लिये माना जाता है। इस राशि के केतु का पंचम में स्थापित ग्रहों और तुला राशि से होता है,तुला राशि को बेलेन्स बनाने की राशि मानी जाती है,अगर जातक का रुझान जरा भी खेल कूद में जाता है तो व्यक्ति के लिये हिम्मत और पराक्रम के लिये अपने को प्रदर्शित करने में कोई परेशानी नही होती है। इस प्रकार का व्यक्ति एक अच्छे खिलाडी के रूप में अपने को सामने ला सकता है,लेकिन शिक्षा मे जाने के बाद अगर वह खेलकूद का शिक्षक बन जाता है तो उसे हमेशा अपनी मानसिकता को मार मार कर जीना पडता है। केतु का प्रभाव पंचम के मंगल पर जाने के बाद जातक के लिये बुद्धि और परिवार से शेर कुत्ते की लडाई जैसा माहौल बन जाता है प्राथमिक शिक्षा के जमाने से ही जातक को दादागीरी करने का शौक पैदा हो जाता है और नौकरी आदि के मामले में वह हमेशा अपने द्वारा किये जाने वाले कार्यों से बडे बडे अधिकारियों के लिये आफ़त की पुडिया बना रहता है। मिथुन राशि के लिये शनि अपमान देने और जान जोखिम के लिये भी माना जाता है दूसरे उसके लिये अपमान और रिस्क वाले काम ही भाग्य के कारक बन जाते है। अगर मिथुन लगन में धन का स्वामी चन्द्रमा चौथे भाव मे हो साथ ही सूर्य जो तीसरे भाव का मालिक है साथ हो तथा चौथे भाव की राशि कन्या का प्रभाव सूर्य और चन्द्र पर हो तो माता पिता की कठिन कमाई से परिवार का बेलेंस बैठाने और अचानक आने वाले खर्चे तथा उनके पूर्वजों के कृत्य को भुगतने के कारण कोई भी साधन नही बन पाता है,बुध भी साथ हो तो किसी न किसी प्रकार से धन कमाने वाले बैंकिंग आदि के काम लेबर यूनियन के काम मेहनत से किये जाने वाले काम माने जाते है,इस केतु को अगर मंगल का असर व्याप्त हो तो शनि केतु का इकट्ठा प्रयोग फ़ायदा देने वाला होता है,इसके लिये काले रंग का धागा गले मे पहिनना पड्ता है,नाखूनो को साफ़ करने के बाद तथा सिर के बाल बढाने पर भी केतु का असर खराब होता है.
मिथुन के केतु की तीसरी नजर तीसरे भाव में सिंह राशि में होती है,यह राशि बुद्धि के लिये मानी जाती है,जब कोई केतु रूपी साधन सरकार से सम्बन्ध रखने वाली बुद्धि से सम्बन्ध रखने वाली सन्तान से सम्बन्ध रखने वाली मनोरन्जन और खेलकूद से सम्बन्ध रखने वाली हो साथ ही वह अपने अहम के लिये भी जानी जाती हो तो जातक के लिये हमेशा फ़लीभूत करने वाली होती है। तीसरे भाव का सीधा सम्पर्क सप्तम से भी होता है और सप्तम का राहु इस भाव में अपना असर देता है तो व्यक्ति के अन्दर कलाकारी का भूत सवार कर देता है,और इस भाव में अगर किसी प्रकार से शुक्र का बैठना बन जाये तो जातक बुद्धि के मामले में मनोरंजन और कम्पयूटर की एमीनेशन चित्रकारी कपडों के कामो के लिये औरतों को सजाने संवारने के लिये मनोरन्जन के मामले में खेल कूद के मामले में अपने नाम को कमाता चला जाता है लेकिन यह राहु शुक्र का असर जीवन के शुरु में तो मनोरन्जन और कलाकारी को प्रदान करता है तथा जवानी में स्त्री सम्पर्क और लव अफ़ेयर आदि की बात करता है बुढापे में चमक दमक वाली सम्पत्ति को इकट्ठा करने और अपने नाम को चमकाने के लिये अपने कार्यों को करने के लिये माना जाता है शुक्र सजावटी कामों के लिये जाना जाता है साथ ही केतु की शक्ति से अपने को कलम या ब्रुस का भी हुनरमंद होने के लिये भी संसार में उपस्थित करता है। इस भाव का मालिक कालपुरुष के अनुसार बुध है बुध हमेशा गणित और बोलने की शक्ति को प्रदान करने वाला है,अगर बुध किसी प्रकार से इस भाव से अपना सम्बन्ध रख लेता है तो व्यक्ति को एक्टर बनाने की पूरी की पूरी शक्ति प्रदान कर देता है,व्यक्ति बोलने में अपने प्रदर्शन करने में किसी से कम नही होता है। वह कपडों को पहिनें ड्रेस को बनवाने में और बनाने में वक्त के अनुसार सजाने में टीवी मीडिया कैमरा के सामने आने में विज्ञापन आदि को प्रदर्शित करने में अपनी कला का पूरा का पूरा प्रयोग कर सकता है,अक्सर इस प्रकार के लोग अगर किसी प्रकार से फ़ैसन डिजायन आदि में आजाते है तो उनका नाम हमेशा के लिये केवल फ़ैशन वाले कामो के लिये जाना जाता है। अगर इस भाव में गुरु का सम्बन्ध बन जाये तो व्यक्ति को अपने को शिक्षा या कानून के मामले में अथवा किसी प्रकार पत्नी को शिक्षा वाले मामले में जाना पडता है अथवा शादी करने के लिये किसी शिक्षा या कपडे के व्यवसाय के अन्दर अपने को रखने वाले व्यक्ति से अपना सम्पर्क रखने के लिये माना जाता है। इस राशि के केतु का पंचम में स्थापित ग्रहों और तुला राशि से होता है,तुला राशि को बेलेन्स बनाने की राशि मानी जाती है,अगर जातक का रुझान जरा भी खेल कूद में जाता है तो व्यक्ति के लिये हिम्मत और पराक्रम के लिये अपने को प्रदर्शित करने में कोई परेशानी नही होती है। इस प्रकार का व्यक्ति एक अच्छे खिलाडी के रूप में अपने को सामने ला सकता है,लेकिन शिक्षा मे जाने के बाद अगर वह खेलकूद का शिक्षक बन जाता है तो उसे हमेशा अपनी मानसिकता को मार मार कर जीना पडता है। केतु का प्रभाव पंचम के मंगल पर जाने के बाद जातक के लिये बुद्धि और परिवार से शेर कुत्ते की लडाई जैसा माहौल बन जाता है प्राथमिक शिक्षा के जमाने से ही जातक को दादागीरी करने का शौक पैदा हो जाता है और नौकरी आदि के मामले में वह हमेशा अपने द्वारा किये जाने वाले कार्यों से बडे बडे अधिकारियों के लिये आफ़त की पुडिया बना रहता है। मिथुन राशि के लिये शनि अपमान देने और जान जोखिम के लिये भी माना जाता है दूसरे उसके लिये अपमान और रिस्क वाले काम ही भाग्य के कारक बन जाते है। अगर मिथुन लगन में धन का स्वामी चन्द्रमा चौथे भाव मे हो साथ ही सूर्य जो तीसरे भाव का मालिक है साथ हो तथा चौथे भाव की राशि कन्या का प्रभाव सूर्य और चन्द्र पर हो तो माता पिता की कठिन कमाई से परिवार का बेलेंस बैठाने और अचानक आने वाले खर्चे तथा उनके पूर्वजों के कृत्य को भुगतने के कारण कोई भी साधन नही बन पाता है,बुध भी साथ हो तो किसी न किसी प्रकार से धन कमाने वाले बैंकिंग आदि के काम लेबर यूनियन के काम मेहनत से किये जाने वाले काम माने जाते है,इस केतु को अगर मंगल का असर व्याप्त हो तो शनि केतु का इकट्ठा प्रयोग फ़ायदा देने वाला होता है,इसके लिये काले रंग का धागा गले मे पहिनना पड्ता है,नाखूनो को साफ़ करने के बाद तथा सिर के बाल बढाने पर भी केतु का असर खराब होता है.
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