भदावरी क्षेत्र मे एक कहावत बहुत ही मशहूर है,और यह कहावत एक सौ एक प्रतिशत भी है -"सौ मे सूर सहस मे काणा,एक लाख मे ऐंचक ताना,ऐचंक ताना करे पुकार,कंजा से रहियो हुशियार,जाके हिये न एकहु बार,ताको कंजा ताबेदार,छोट गर्दना करे पुकार,कहा करे छाती को बार",अर्थात- सौर लोगो को अपनी बातों में फ़ंसाने के लिये एक अन्धा आदमी काफ़ी है,पहले उसके लिये हर आदमी के अन्दर दया है,दूसरे बाहर की आंखे नही होने के कारण अन्धे आदमी को सोचने समझने की और अन्तर्द्रिष्टि भी बहुत मजबूत होती है यानी अन्दाज लगाने की कला,स्पर्श अनुभव श्रव्य अनुभव आदि की अच्छी जानकारी होती है भगवान श्रीकृष्ण के लिये सूरदास जी के भजन सबसे अधिक इसीलिये ही भावुकता से पूर्ण है कि उन्हे अनुभव करने की अजीब क्षमता भी बाहरी दुनिया को नही देखने पर और अपने मन के अन्दर सुनी हुयी बातो को अन्दाज से जो रूप बनाकर देखा जाता था वह बाहरी आंखो से सम्बभ नही माना जा सकता है। इसलिये अन्धे आदमी के द्वारा अपनी भावनाओ से सौ लोगों को चलाया जा सकता है। जब बन्दूको चलाया जाता है या तीर को कमान से छोडा जाता है,तो एक आंख को बन्द कर लिया जाता है,लेकिन जिस व्यक्ति की एक आंख चली गयी हो तो वह एक आंख से ही पूरी दुनिया को देखना शुरु कर देता है,एक आंख वाले व्यक्ति को काणे की उपाधि दी गयी है और इस प्रकार के व्यक्ति के अन्दर एक हजार लोगो को एक समय मे चलाने की हिम्मत होती है वह जो भी कारण बताता है वह अक्सर खरा और सही उतरता है,जो भी अनुभव और धारणा बनती है वह एक प्रकार से एक ही जगह पर अपना ध्यान रखने के कारण ज्ञान के क्षेत्र मे उत्तम मानी जाती है। इसी धारणा के कारण एक आंख वाले व्यक्ति अपनी ज्ञान शक्ति से एक हजार आदमी को अपने अनुसार चलाने मे समर्थ होते है। अक्सर देखा जाता है कि आप अपनी बात को कहना शुरु करते हो और दूसरा आदमी आपकी शुरु की गयी बात को अक्समात कहने लगता है जब आपकी बात शुरु की गयी बात को दूसरा आदमी कहना शुरु कर दे तो आपको चुप रहना जरूरी हो जाता है,इसका मतलब है बात को काट देना और बात को काट कर अपने अनुसार उस बात को कहना शुरु कर देना,इस प्रकार से आपकी मान्यता तो खत्म हो गयी और उस बात को शुरु करने वाले व्यक्ति की बात चलने लग गयी। इस प्रकार के व्यक्ति को ऐंचकताना की उपाधि दी जाती है इस प्रकार का व्यक्ति अनुभवी होता है और सभी क्षेत्रो मे अपनी जानकारी को रखने वाला होता है वह बात चाहे आज की हो या इतिहास से सम्बन्धित हो किसी की परेशानी वाली बात हो या न्याय वाली बात हो इस प्रकार का व्यक्ति एक लाख लोगो को अपने अनुसार चलाने की हिम्मत रखता है। इसी प्रकार के लोग अक्सर वकील का काम करने मे सफ़ल हो जाते है किसी प्रकार के राजनीति के क्षेत्र मे और मीडिया के क्षेत्र मे सफ़ल होते भी देखे गये है। जब किसी प्रकार का नौकरी आदि का इन्टरव्यू आदि होता है तो इसी प्रकार के लोग अधिक जानकारी रखने के कारण को सोच कर अपनी योजना मे सफ़ल हो जाते है। दो व्यक्ति अगर अपने सामान को बेच रहे होते है और एक व्यक्ति उनके अन्दर ऐंचकताना की आदत को रखता है तो वह अपने माल को बेच कर आजायेगा जबकि दूसरा आदमी बिना बेचे ही वापस आयेगा। भूरी आंखो वाले व्यक्ति को कंजा की उपाधि दी जाती है जिसकी आंखे भूरी होती है वह अपनी योजना को अपने अनुसार ही लेकर चलने वाला होता है वह अपने भेद को किसी को नही बताता है कि वह अगले पल क्या करने जा रहा है। जब किसी को भेद का पता नही होगा तो वह अपने कार्य को बडी आसानी से कर भी आयेगा और किसी को पता भी नही चलेगा,अगर वह पास मे रहने वाला है तो वह अपने कारणो को इस प्रकार से प्रयोग मे लायेगा कि वह आपको काट कर भी चला जाये और आपको पता भी नही लगे,यानी खुद को तो कारण से दूर रखेगा और ठंडा पानी देकर यही साबित करेगा कि वह बहुत ही हितैषी है लेकिन अन्दर से वह दूसरे आदमी से या दूसरे कारण से खुद ही फ़ंसाकर खुद ही छुडाने की कोशिश करता हुआ दिखाई देगा इस प्रकार का आदमी ऐंचकताना व्यक्ति से भी खतरनाक माना जाता है। पुरुष वर्ग के लिये एक बात देखी जा सकती है कि जिसके छाती मे बाल नही होते है उसकी बात का भरोसा नही होता है। कहने के लिये तो वह बहुत कुछ कह जायेगा लेकिन अपनी योजना को किसी को नही बतायेगा अक्सर अवसरवादी लोगो की श्रेणी मे इस प्रकार के लोगो को देखा जा सकता है। वे बात के पक्के नही माने जाते है और अपने खुद के लिये भी अपनी योजना मे सफ़ल नही होते है,अपने ही परिवार के लोगो को भी वे अपने अनुसार खड्डे मे ले जा सकते है,अपनी योजना को सफ़ल करने के लिये वे सौ फ़ायदे आपको बता कर जायेंगे लेकिन जो फ़ायदे आपके लिये बताये है वे उन्ही के लिये सही माने जायेंगे आपको फ़ायदा होना तो दूर नुकसान भी नही माना जा सकता है बल्कि पूरी की पूरी पूंजी का खात्मा होना ही एक प्रकार से अधिक समझना ठीक होगा। इस प्रकार के लोग अपनी संतान के भी नही होते है और अपनी संतान को भी ठिकाने लगा सकते है साथ ही अपनी योजना को साम दाम दण्ड भेद से पूरी करने मे सफ़ल होते देखे जा सकते है। सबसे खतरनाक और अपनी चालाकी मे सभी पर अपनी योग्यता की छाप छोडने के लिये छोटी गर्दन वाला व्यक्ति माना जा सकता है। इस प्रकार का व्यक्ति किसी भी क्षेत्र मे अपने को आगे निकाल ले जाता है चुगली करना और चुगली से भेद को लेकर दूसरो का सफ़ाया करना ही उसका काम होता है,वह अपने फ़ायदे के लिये एक भीड को समाप्त कर सकता है साथ ही किसी भी प्रकार की राजनीति मे वह आगे बढकर सफ़ल हो सकता है।
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