वास्तु मे नाहर मुखी और गोमुखी का फ़र्क भी समझना बहुत जरूरी होता है। गोमुखी घर मे रहने वाले सदस्यों की संख्या मे बढोत्तरी होती रहती है जबकि नाहर मुखी घर अक्सर सदस्यों के अभाव मे सूने हो जाते है। जिन घरो मे यह प्रभाव घर के दो तरफ़ या तीन तरफ़ होता है उन्हे बहुत ही सतर्क रहने की जरूरत पडती है।
गोमुखी मकान का पिछला हिस्सा चौडा हो जाता है और दरवाजे तक आते आते संकडा हो जाता है ऐसे मकान गोमुखी कहलाते है। ऐसे मकानो मे सदस्यों की संख्या बढती रहती है और घर मे धन की कमी देखी जाती है अक्सर आलस्य का होना और कमाई के साधनो मे कमी होना घर के सदस्यों का काम मे मन नही लगना और बेकार की कारणो को घर के अन्दर ही पैदा करते रहना घर के कई हिस्से हो जाना और फ़िर भी आपस मे सामजस्य नही बैठना माना जाता है। अक्सर ऐसे घरो मे एक सदस्य बहुत ही धार्मिक रहता हुआ देखा जा सकता है जो किसी भी धर्म से सम्बन्धित हो लेकिन वह धर्म के मामले मे पक्का आशावादी होता है। मृत्यु सम्बन्धी कारण उस व्यक्ति के रहते हुये बहुत ही कम होते है,जहां नाहर मुखी मकानो मे अस्पताली कारण बहुत बनते रहते है वही गोमुखी मकानो मे रहने वाले लोगो को या तो कोई रोग होता नही है और होता भी है तो वह जरा सी दवाइयों में ही ठीक हो जाता है। अगर यही प्रभाव व्यवसाय के लिये देखा जाये तो ऐसे दुकानो मे या व्यवसाय स्थानो मे जो माल आकर रखा गया वह रखा ही रहता है यानी कम बिकता है जो कर्मचारी आकर बैठ गया है उसे निकलने मे काफ़ी कठिनाई रहती है। अगर संस्थान घाटे मे भी चल रहा है तो कर्मचारी कई महिने तक बिना वेतन के काम भी करते देखे जा सकते है। रोजाना के कामो के अन्दर केवल माल की गणना और उसी स्थान मे माल को इधर से उधर रखने वाली बात मानी जा सकती है जब कि नाहर मुखी व्यवसाय स्थानो मे अक्सर देखा जाता है कि माल का टोटा ही बना रहता है ग्राहको की भीड तो लगती है लेकिन माल के कम होने से अक्सर लोग खरीद करने के लिये इन्तजार करते ही देखे जा सकते है।नाहर मुखी मकानो का गेट अगर दक्षिण की तरफ़ है और वह अस्पताल इन्जीनियरिन्ग तकनीकी होटल या बिजली आदि से सम्बन्धित नही है तो अक्सर आग लूटपाट या माल के खराब होने के कारको मे अधिक देखा जाता है वही अगर इन उपरोक्त कारको से सम्बन्धित व्यवसाय है तो खूब चलते भी देखे जा सकते है और आय भी अधिक होती देखी जाती है। गोमुखी संस्थान का मुख अगर दक्षिण की तरफ़ है और वह होटल आदि से सम्बन्धित है तो उस होटल के रूम अधिकतर भरे ही रहते है लेकिन होटल के कर्मचारी अक्सर आलसी होते है या काम को सही नही करने के कारण अक्सर गंदगी से पूर्ण देखे जा सकते है लेकिन ग्राहक फ़िर भी कम नही होते है। यही हाल अगर किसी प्रकार से खानपान से सम्बन्धित है तो अक्सर इस प्रकार के संस्थानो मे माल को सडता हुआ या किसी प्रकार से गलत उत्पादन से भी माल को बिगडता देखा जा सकता है। बिजली आदि के काम के लिये भी देखा जा सकता है कि एक बार कोई सामान ठीक करवा दिया गया है लेकिन जल्दी ही वह किसी न किसी कमी से वापस आजाता है या उसके किसी सामान के नही मिलने से वह काफ़ी समय तक पडा रहता है। अक्सर ऐसे संस्थानो मे एक बात और देखी जा सकती है कि ग्राहक कभी कभी अपने सामान को ठीक करवाने के लिये लाता भी है और उसके पास उस सामान को उठाने के लिये या तो वक्त नही होता है और जब वक्त होता है तो सामान की मजदूरी को चुकाने के लिये धन का अभाव हो जाता है इस प्रकार से अधिक दिन तक सामान का पडा रहना भी माना जा सकता है।
नाहर मुखी दुकान का दरवाजा अगर पूर्व मे है तो माल को दान खाते मे अधिक जाता हुआ देखा जाता है अथवा जान पहिचान और उधार के मामले भी देखे जाते है या तो उस सामान को बेचने के बाद उगाही नही की जाती है या की भी जाती है तो औने पौने दामो मे सामान को बेचना भी देखा जा सकता है। यही प्रकार आफ़िस आदि के लिये भी देखा जा सकता है या तो कर्मचारी कार्य मे टिकता नही है और टिकता भी है तो मालिक के लिये कोई न कोई ऐसा कारण पैदा करता रहता है मालिक खुद ही दुकान पर आना बन्द कर देता है और दुकान केवल कर्मचारी के भरोसे पर चलती रहती है वह अपने खर्चे को निकालने के अलावा दुकान आदि का किराया अथवा उसके खर्चो को भी मुश्किल से निकाल कर दे पाता है। नाहर मुखी दुकान का दरवाजा अगर उत्तर की तरफ़ होता है तो धन आदि के लिये बहुत उत्तम माना जाता है ब्याज का काम करने वाली कम्पनिया लोगो को गहने जेवरात आदि पर लोन देने वाली कम्पनिया ट्रान्स्पोर्ट कम्पनिया खूब चलती देखी जा सकती है। कर्मचारी अगर एक बार चला जाता है तो जल्दी ही कर्मचारी आ भी जाता है इसलिये दुकान मालिक को परेशानी नही होती है। इसी प्रकार से नाहर मुखी संस्थान का मुंह अगर पश्चिम की तरफ़ होता है तो भी देखा जाता है कि माल कम ही रुकता है और बिल्डिंग मैटेरियल वाहन वाले काम खाद बीज की दुकान रोजाना के उपयोग के लिये प्रयोग किया जाने वाला प्लास्टिक आदि का सामान खूब बिकता देखा जा सकता है कपडों की दुकाने भी खूब चलती देखी जा सकती है जो लोग सेल लगाकर काम करने वाले होते है अगर वह अपनी सेल का मुख्य दरवाजा पश्चिम मुखी करने के बाद नाहर मुखी कारण को पैदा करते है तो उनकी सेल मे लगा हुआ सामान जल्दी ही निकल जाता है लेकिन वही सेल अगर गोमुखी स्थान मे कर लिया गया है तो माल जैसा का तैसा भी पडा रहता है और खूब अच्छा होने के बावजूद भी कोई खरीदने वाला नही होता है।
गोमुखी मकान का पिछला हिस्सा चौडा हो जाता है और दरवाजे तक आते आते संकडा हो जाता है ऐसे मकान गोमुखी कहलाते है। ऐसे मकानो मे सदस्यों की संख्या बढती रहती है और घर मे धन की कमी देखी जाती है अक्सर आलस्य का होना और कमाई के साधनो मे कमी होना घर के सदस्यों का काम मे मन नही लगना और बेकार की कारणो को घर के अन्दर ही पैदा करते रहना घर के कई हिस्से हो जाना और फ़िर भी आपस मे सामजस्य नही बैठना माना जाता है। अक्सर ऐसे घरो मे एक सदस्य बहुत ही धार्मिक रहता हुआ देखा जा सकता है जो किसी भी धर्म से सम्बन्धित हो लेकिन वह धर्म के मामले मे पक्का आशावादी होता है। मृत्यु सम्बन्धी कारण उस व्यक्ति के रहते हुये बहुत ही कम होते है,जहां नाहर मुखी मकानो मे अस्पताली कारण बहुत बनते रहते है वही गोमुखी मकानो मे रहने वाले लोगो को या तो कोई रोग होता नही है और होता भी है तो वह जरा सी दवाइयों में ही ठीक हो जाता है। अगर यही प्रभाव व्यवसाय के लिये देखा जाये तो ऐसे दुकानो मे या व्यवसाय स्थानो मे जो माल आकर रखा गया वह रखा ही रहता है यानी कम बिकता है जो कर्मचारी आकर बैठ गया है उसे निकलने मे काफ़ी कठिनाई रहती है। अगर संस्थान घाटे मे भी चल रहा है तो कर्मचारी कई महिने तक बिना वेतन के काम भी करते देखे जा सकते है। रोजाना के कामो के अन्दर केवल माल की गणना और उसी स्थान मे माल को इधर से उधर रखने वाली बात मानी जा सकती है जब कि नाहर मुखी व्यवसाय स्थानो मे अक्सर देखा जाता है कि माल का टोटा ही बना रहता है ग्राहको की भीड तो लगती है लेकिन माल के कम होने से अक्सर लोग खरीद करने के लिये इन्तजार करते ही देखे जा सकते है।नाहर मुखी मकानो का गेट अगर दक्षिण की तरफ़ है और वह अस्पताल इन्जीनियरिन्ग तकनीकी होटल या बिजली आदि से सम्बन्धित नही है तो अक्सर आग लूटपाट या माल के खराब होने के कारको मे अधिक देखा जाता है वही अगर इन उपरोक्त कारको से सम्बन्धित व्यवसाय है तो खूब चलते भी देखे जा सकते है और आय भी अधिक होती देखी जाती है। गोमुखी संस्थान का मुख अगर दक्षिण की तरफ़ है और वह होटल आदि से सम्बन्धित है तो उस होटल के रूम अधिकतर भरे ही रहते है लेकिन होटल के कर्मचारी अक्सर आलसी होते है या काम को सही नही करने के कारण अक्सर गंदगी से पूर्ण देखे जा सकते है लेकिन ग्राहक फ़िर भी कम नही होते है। यही हाल अगर किसी प्रकार से खानपान से सम्बन्धित है तो अक्सर इस प्रकार के संस्थानो मे माल को सडता हुआ या किसी प्रकार से गलत उत्पादन से भी माल को बिगडता देखा जा सकता है। बिजली आदि के काम के लिये भी देखा जा सकता है कि एक बार कोई सामान ठीक करवा दिया गया है लेकिन जल्दी ही वह किसी न किसी कमी से वापस आजाता है या उसके किसी सामान के नही मिलने से वह काफ़ी समय तक पडा रहता है। अक्सर ऐसे संस्थानो मे एक बात और देखी जा सकती है कि ग्राहक कभी कभी अपने सामान को ठीक करवाने के लिये लाता भी है और उसके पास उस सामान को उठाने के लिये या तो वक्त नही होता है और जब वक्त होता है तो सामान की मजदूरी को चुकाने के लिये धन का अभाव हो जाता है इस प्रकार से अधिक दिन तक सामान का पडा रहना भी माना जा सकता है।
नाहर मुखी दुकान का दरवाजा अगर पूर्व मे है तो माल को दान खाते मे अधिक जाता हुआ देखा जाता है अथवा जान पहिचान और उधार के मामले भी देखे जाते है या तो उस सामान को बेचने के बाद उगाही नही की जाती है या की भी जाती है तो औने पौने दामो मे सामान को बेचना भी देखा जा सकता है। यही प्रकार आफ़िस आदि के लिये भी देखा जा सकता है या तो कर्मचारी कार्य मे टिकता नही है और टिकता भी है तो मालिक के लिये कोई न कोई ऐसा कारण पैदा करता रहता है मालिक खुद ही दुकान पर आना बन्द कर देता है और दुकान केवल कर्मचारी के भरोसे पर चलती रहती है वह अपने खर्चे को निकालने के अलावा दुकान आदि का किराया अथवा उसके खर्चो को भी मुश्किल से निकाल कर दे पाता है। नाहर मुखी दुकान का दरवाजा अगर उत्तर की तरफ़ होता है तो धन आदि के लिये बहुत उत्तम माना जाता है ब्याज का काम करने वाली कम्पनिया लोगो को गहने जेवरात आदि पर लोन देने वाली कम्पनिया ट्रान्स्पोर्ट कम्पनिया खूब चलती देखी जा सकती है। कर्मचारी अगर एक बार चला जाता है तो जल्दी ही कर्मचारी आ भी जाता है इसलिये दुकान मालिक को परेशानी नही होती है। इसी प्रकार से नाहर मुखी संस्थान का मुंह अगर पश्चिम की तरफ़ होता है तो भी देखा जाता है कि माल कम ही रुकता है और बिल्डिंग मैटेरियल वाहन वाले काम खाद बीज की दुकान रोजाना के उपयोग के लिये प्रयोग किया जाने वाला प्लास्टिक आदि का सामान खूब बिकता देखा जा सकता है कपडों की दुकाने भी खूब चलती देखी जा सकती है जो लोग सेल लगाकर काम करने वाले होते है अगर वह अपनी सेल का मुख्य दरवाजा पश्चिम मुखी करने के बाद नाहर मुखी कारण को पैदा करते है तो उनकी सेल मे लगा हुआ सामान जल्दी ही निकल जाता है लेकिन वही सेल अगर गोमुखी स्थान मे कर लिया गया है तो माल जैसा का तैसा भी पडा रहता है और खूब अच्छा होने के बावजूद भी कोई खरीदने वाला नही होता है।
39 comments:
L shape shop it has 6 corners and front is 20 ft and back is 6 ft it has north facing is this k for shop use or not ,plz tell meee
mera ghar sher mukhi hai aur face west mein hai plz upaay batayen
Upay bhi to Kuchh hoga
मेरा घर पुर्बमुखी है और आगे से इसकी चौलाई 17 फ़ीट और पीछे 25 फिट है,ये प्लाट किस प्रकार का है,उचित सलाह देने की कृपा करें
My house faces in South direction it's length from front is 16 feet and from back is 14 feet, how is this plot please give a advice
Meri pankhe , cooler , mixer repairing ki dakshin mukhi dukan hai , dukan ke baahar se uperi mnjil pr jane ke liye sidhiyan bni hui hai jo meri dukan ko dakshin se km chodi or utter se jyada chodi kar deti hai , dukan ke pichhe ek kamra hai , dukan or kmre ke bich me bina fatk ka darvaja hai
Pichle 17 , 18 saal se dukan chla rha hun , kaam bhi achha chlta hai lekin krj me dubta ja rha hun ,,,,, kripya uchit smadhan btayen
अगर मकान त्रिभुजाकार होतो फिर
Mera Makaan front and right se to Samtal chauras hai lekin left yaani Baaye se tirachha hota chala Gaya hai to wo kaunsa mukhi hoga Aur humare liye Sahi rahega ya nahi
Mera gar paschim disha Mai h front 24 OR piche 17 feet h sahi h kya
Sir
Ap ke lekh me samajh hi nahi as Raha he ki ap Kya kahana chahate he
If aap is ki ispashat likho ki Kya sahi he or Kya whorg he
Confuse me
मेरा घर नाहरमुखी है मै खेती मे ढाणी मे रहता हु इसका प्रभाव कम करने का उपाय हो तो बताओ
Mera Ghar Nahar mukhi h aur Ghar m koi na koi problem rahti h plz koi solutions bataiye
Mera Ghar Nahar mukhi h aur Ghar m koi na koi problem rahti h plz koi solutions bataiye
Hamara makan purv mukhi h or piche se 23 feet h or aage se 26 feet h kya ye shi h ya glat or glt h to shi kse krae krpya btane ka kst kre
inke paas khalli tarak h upaye ganta h inke pass...
apne ghar me sea-salt lakar rakhe use kanch k barni me band kr k rakhe ..seasalt ka pocha daily apne ghar me lgaye ..veerwaar ko choddkar..or kmaal dekhein
vastu k hisaab se sahi nhi h..
shop me mini bans ka plant rakhiye..saaf jgah per
ghar k ishan kon me tulshi ká podha lgaye ... ghar k main gate per dono taraf tulshi g ka podha b lga skte h...sari samasyaein apse door rahengi
its not a good direction of home according to vastusastra...but apke kundali grah ucch-srenni k h to koi problm nhi h..ghar me ashok ka pedd jarur lgaye
nhi
ghar k ishan kon me tulshi ka pedd lgaye niyamt torr pe unki pooja kre unke aas paas saaf safai ka dhyaan rakhe ..raat me diya jalaye..thursday ko tulshi ki jadd pe dud dale.. apki kafi musibatein khatam ho jayengi
..pooja ji apne ghar me sami ka plant lgaye ..uski seva kre saaf safai rakhe ..googal per apko uski direction mil jayegi..galat direction me mat rakhna
Mare Ghar ka main gate dakhchin mukhi hi gate ka gate kidhar hona chaiye bataye
Mare Ghar ka main gate dakhchin mukhi hi gate ka gate kidhar hona chaiye bataye
Meri shop gaumukhi hai or grahak nahi aate bahot pareshan hu kya karu please bataiyega
मेरा घर आगे से साडे 16 फीट और पीछे से 15 फीट है जो कि पूर्व दिशा की ओर है मैं क्या करूं बताने की कृपा करें
Sir
Mera ghar age se chora or pichhe se sakra hai rasta south me hai koi upay batae
Paschim m 28 purab m 25 , gate Paschim h north m 40 feet construction, plot Ki length 60 feet ab ise guaa muki kesa banaye
Gawomukhi he kuch upay hoga na
Nahar mukhi or gomukhi dono aaccha Kon sa
Hamara Nahar mukhi he dakshin me darvaja he to accha he ya nahi
पूर्व मुखी मकान में कोस है। दक्षिण दिशा की लंबाई 6.5 फिट ज्यादा है। उत्तर दिशा की लंबाई 6.5 फिट कम है। बगैर तोड़ फोड़ वास्तु दोष को कैसे ठीक करे।
मेरी दुकान आगे वाला भाग की चौड़ाई 7 फ़ीट 4इंच ओर पीछे से 8 फ़ीट 2 इंच है ।
दुकान का मुंह पश्चिम दीक्षा मैं है ।
गाय मुखी दुकान का निराकरण बतावे ।
मेरी दुकान का मोग नार मुखी है और उत्तर दिशा में इसका उपाय बताएं
My plot all side unequal front north face 77 n left side east 26 right side west 15 nd back south 72..
Mera makan to aage piche se ek jesa he per mera room aage se 8 feet piche se 12 feet he kya karu sujhav de
Maine bhi liya ek plot same h direction and aage se 31 feet or piche se 27 plz batao yai shi h kya ghar banane ke liye
Mainai ek jamin dekhi Jo naharmukhi hai kintu mai usko chokor use mai lunga yani residenshal chokor kaat kar use lunga baki jamin par dukan bana dunga yai shi rahega kya kyunki maire total jamin 135 gaj hai jisme 96 gaj chokor ho jaygi rest jamin par bagicha or dukun khol lunga pls suggest
Sir gomukhi dukan yadi uttarmukhi ho to kaisa hai mujhe ek dukan mil raha hai
Pl reply sir
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