- वृष राशि धन और भौतिक कारणों तथा कुटुम्ब के मामले में अपनी पहिचान रखने वाली राशि कही जाती है,इस राशि का स्वभाव बैल की तरह से होता है और यह राशि भचक्र के दूसरे भाव की कारक है। इस राशि का सम्बन्ध अगर मेष राशि के जातकों से कर दिया जाता है तो जातक एक दूसरे के लिये पूरक नही हो पाते है,जैसे मेष राशि का प्रमुख कारक मनुष्य शरीर से माना जाता है तो यह राशि अपने जीवन काल में जीवन साथी के प्रति सही नही मानी जाती है। मेष राशि वाला इस राशि के जातक से केवल धन और भौतिक सुखों की आशा ही करता है,उसे अन्य बातों से कोई लेना देना नही होता है,जातक इस राशि वालों के लिये जीवन भर अपने शरीर धन कुटुम्ब आदि के मामले में केवल खर्च करने के लिये माना जाता है और मेष राशि वाला जातक इस राशि से सिर्फ़ अपने स्वार्थ के लिये ही सम्बन्ध रखता है जैसे ही जीवन साथी का स्वार्थ पूरा होता है जातक या तो इस राशि वाले की अवहेलना करने लगता है अथवा किसी न किसी कारण से अपने को दूर रखता है। अगर सामाजिक या शारीरिक बल इस राशि वाले में अधिक होता है तो जीवन साथी का जीवन से दूर जाना निश्चित माना जाता है,वह शरीर से दूर नही जाता है तो मन से जरूर दूर चला जाता है। अगर शादी के पहले इस राशि के जीवन साथी के साथ कोई बहुत ही बडी बौद्धिक ताकत होती है तो इस राशि वाले सम्बन्ध बनाने के बाद उसकी बौद्धिक शक्ति बेकार सी हो जाती है वह अपने को बिलकुल असहाय समझने लगता है। पाराशर ऋषि के अनुसार हर भाव का बारहवां भाव उसका विनाशक होता है उस का प्रभाव भी इस राशि के जातकों पर प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है। इस राशि का जीवन साथी पहले तो अपने पराक्रम को इस राशि वाले की धन सम्पत्ति से मानता है,दूसरे इस राशि वाले की कमन्यूकेशन शैली का बडे आराम से फ़ायदा लेता है,उसके द्वारा बोल चाल से कमाया गया धन या बोलचाल के द्वारा बनाई गयी प्रतिष्ठा को अपने हित के लिये प्रयोग करता है। अक्सर वृष राशि स्वभाव पेट भरा होने पर अधिक की चाहत नही करने वाला होता है लेकिन बार बार कोई इस प्रकार का जीवन साथी अगर अपनी जरूरतों को आगे पीछे करने वाला होता है तो इस राशि वाले जातकों को काफ़ी मेहनत करनी पडती है और समय से पहले कार्य की अधिकता से जातक की कमर झुक जाती है अथवा वह किसी बडी बीमारी से ग्रस्त होकर कालकवलित हो जाता है। मेष राशि वाला जीवन साथी इस राशि के भावनात्मक प्रभाव को अपने मन के अनुसार खर्च करने वाला होता है,उसी भावनात्मक प्रभाव के अन्दर रहने की कोशिश करता है,जो इस राशि वाले ने कहा है उसके लिये वह अडिग रहना चाहता है। और इस राशि वाले की बात कभी कम हो सकती है कभी अधिक इस बात को वह अपनी इज्जत मानकर अपने भावों को घर से बाहर रहने और अपने द्वारा अन्य सम्बन्ध बनाने के वक्त प्रयोग करता है।
- वृष राशि वाले का सम्बन्ध वृष राशि वाले जीवन साथी से होने पर दोनो जीवन एक दूसरे को हराने के चक्कर में रहते है लेकिन दोनो ही अपने अपने स्थान पर मजबूत होने के कारण एक दूसरे को हरा नही पाते है,अक्सर एक ही राशि का सम्बन्ध होने के बाद जो दुख एक पर आता है वही दुख किसी भी रूप में दूसरे पर भी आना शुरु हो जाता है।
- वृष राशि का समबन्ध अगर मिथुन राशि वाले से होता है तो परिणाम में मेष राशि वाले जैसा ही प्रभाव सामने आता है.
आकार का रूप शुरु से होता है और प्रकार का रूप आकार को विभिन्न पहलुओं में देखा जाता है। आकार का परिवर्तन ही प्रकार के रूप में माना जाता है। यही बात साकार और निराकार में भी होती है। जो सामने दिखई देता है वह साकार होता है लेकिन पीछे रह कर काम करता है और जिसके बिना साकार भी नही चल सकता है वही निराकार होता है। लेकिन बिना साकार के निराकार को सत्य मानना प्रकृति के परे की बात है इसलिये साकार और निराकार का रूप एक साथ मानकर चलना ही मनुष्य शरीर रूप में मान्य है।
विवाह में राशियों की पूरकता (3)
पिछले पेज मे मैने मेष राशि का वर्णन अन्य राशियों के साथ वैवाहिक सम्बन्ध के लिये प्रस्तुत किया था इस पेज में मैं आपको वृष राशि का वैवाहिक सम्बन्ध अन्य राशियों से करने और उनसे मिलने वाले फ़लों के लिये बताऊँगा।
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