मकान की सीढी

वास्तु के द्वारा मकान बनाने पर सीढी का उपयोग दूसरी या तीसरी मंजिल पर जाने अथवा छत पर जाने के लिये किया जाता है,अधिकतर मकानों में सीढी लेंटर से ही बना ली जाती है और बाद में उसे ईंटों या चौकोर आयताकार पत्थरों के टुकडों से बना लिया जाता है। अधिकतर मकानों में लकडी की सीढी भी प्रयोग में लायी जाती है,कुछ लोग लोहे की सीढी को घर के अन्दर प्रयोग में लाते है,सीढी से मकान के वास्तु पर क्या असर पडता है आइये हम आपको इसकी जानकारी देते है:-
  • उत्तर दिशा में सीढी बनाने से मकान बनाने वाला हमेशा कर्जाई रहता है और उसकी तीन पीढी तक भी कर्जा समाप्त नही होता है.
  • मकान के पूर्व की तरफ़ सीढी बनाने से घर के सदस्यों का व्यवहार धर्म से धन कमाने के लिये प्रयोग में लाया जाता है,यानी मकान का मालिक धर्म को बेच कर भी अपने लिये धन कमाने से नही चूकेगा.
  • मकान की सीढियां उत्तर से घुमावदार होकर वायव्य की तरफ़ उतरती है तो मकान मालिक का वंश आहत होता है और संतान अनैतिक कामों की तरफ़ भागना शुरु कर देती है.
  • अग्नि कोण की सीढियां घर की महिलाओं में चिक चिक करवाने में अपना पूरा योगदान देती है.
  • सीढियों के नीचे रसोई बनाने के बाद घर के सदस्यों में कोई अन्जानी बीमारी अपना असर हमेशा दिया करती है और घर का धन अस्पताली कारणों में बरबाद होता रहता है.
  • मकान के बीच से दक्षिण की तरफ़ चढती सीढियां मकान मालिक को भोजन और निर्माण वाले कारणों से अलग नही जाने देती है और कोई अलावा प्रोग्रेस नही हो पाती है.
  • मकान के प्रवेश के साथ ही सीढिया अगर उत्तर दिशा की तरफ़ घुमाव में होती है तो घर की बडी संतान अपने कारणों से पूरे परिवार को छिन्न भिन्न कर देती है.
  • सीढियां मुख्य दरवाजे के अनुसार बनायी जाती है,जिस दिशा मे दरवाजा होता है उसके विपरीत दिशा में सीढिया बनायी जाती है,लेकिन आग और पानी के कोण से दूर रखना पडता है.
  • घर के मुखिया को सीढियों के पास अपने सोने और आराम करने का स्थान नही बनाना चाहिये,अन्यथा राते जाग कर काटनी पडती है.
  • डाक्टरों के लिये दवाइयों का काम करने वाले व्यक्तियों के लिये दरवाजे के पास वाली सीढियां फ़ायदा देती है.
  • हवाई कम्पनी और आकाशीय काम करने वालों के मुख्य दरवाजे के पास ही सीढियां होती है,और अक्सर सुबह को जागकर उन्हे सबसे पहले सीढियों के ही दर्शन करने पडते है.
  • सीढियों की संख्या समान होनी चाहिये,असमान सीढियां अक्सर घर की महिलाओं को पीठ सम्बन्धी रोग देने के लिये मुख्य मानी जाती है.
  • सीढी के नीचे पानी का साधन नही बनाना चाहिये,अन्यथा घर के अन्दर एक स्त्री दिमागी रूप से विक्षिप्त अवस्था में होगी.
  • सीढी मकान के निर्माण के समय में ही बनवा लेनी चाहिये,बाद में सीढी बनवाने से बने हुये घरों मे कोई ना कोई बाधा बनी रहती है.
  • अक्सर बिना सीढी वाले घरों के बच्चे शिक्षा में पिछड जाते है,और जो ऊंचाइयां उन्हे मिलनी चाहिये वे नही मिल पाती है.
  • अग्नि दिशा में उतरती सीढियां अक्सर घर में दो भाइयों के परिवार को रखती है लेकिन एक भाई का परिवार अक्सर खत्म हो जाता है,बडे भाई को असहनीय दुख झेलने पडते है और कुछ समय में वह अपने पुत्रों की करतूत से असमय ही मृत्यु को वरण करता है.

2 comments:

Udan Tashtari said...

आभार जानकारी के लिए.

रामेन्द्र सिंह भदौरिया said...

धन्यवाद समीर जी.