समुद्री किनारों पर लोग सीप से मिलते जुलते सामान को खोजते रहते है,गोदावरी नदी के किनारे पर अक्सर गोमती चक्र पडे मिल जाते है,इनकी पहिचान को करने के लिये अगर पलट कर देखा जाये तो हिन्दी संख्या ७ लिखी मिलती है। इस अंक का प्रकृति के द्वारा सफ़ेद वस्तु पर लिखा पाया जाना और इस अंक का राहु से सम्बन्ध रखना दोनो के मेल से राहु चन्द्र शनि की उपस्थिति को मानना ही गोमती चक्र की महानता को पूरा करता है। शनि चन्द्र की युति वैसे तो प्लास्टर आप पेरिस में भी मिलती है और राहु के कारण उसके अन्दर जल्दी से जमाव का कारण भी मिलता है,इसके साथ चूने के अन्दर भी शनि चन्द्र राहु की उपस्थिति मिलती है लेकिन राहु का साक्षात प्रभाव मिलना केवल प्लास्टर आफ़ पेरिस में और चूने में मिलाये जाने वाली पानी के मिलने तक ही माना जा सकता है। जैसे ही पानी को मिलाया जाता है राहु अपने प्रभाव को समाप्त कर देता है और केव्ल शनि चन्द्र का मरा हुआ रूप ही सामने रहता है इसलिये ही प्लास्टर आप पेरिस और चूने को पानी रहने तक ही कार्य में लिया जा सकता है जैसे ही पानी सूखा और इनकी शक्ति को खत्म मान लिया जाता है। गोमती चक्र के अन्दर बिगुल के आकार की बनावट और राहु का हमेशा के लिये प्रभाव को बनाये रखने के लिये लोग कई तरह से इसे प्रयोग में लाते है।
कुन्डली के अनुसार लगन का राहु अगर शनि से युति करता है और शनि का प्रभाव अगर अष्टम के फ़ल को देने वाला होता है तो व्यक्ति के अन्दर शैतानी आंख की शक्ति को देता है अगर ऐसा व्यक्ति किसी के अच्छे कारण को देख ले तो उसके द्वारा देखे जाने या जलन रखने के कारण ही उस वस्तु व्यक्ति या स्थान पर दिक्कते पैदा हो जाती है। अक्सर इस प्रकार के राहु के प्रभाव को दूर करने के लिये लोग मोर पंख से झाडा लगाने का कार्य करते है और मोर पंख में इतनी ताकत होती है कि वह राहु के इस प्रकार के प्रभाव को दूर करने के लिये काफ़ी माना जाता है। दूध पीने वाले बच्चे या नया बना हुआ मकान राहु शनि की इस प्रकार की द्रिष्टि को रखने वाले व्यक्ति की नजर में आते ही अपनी ताकत को समाप्त करने लगते है बच्चे को तो मोर पंख से झाडा देकर ठीक किया जा सकता है लेकिन मकान के अन्दर मोर पंख की बिसात नही चल पाती है। इसके लिये केवल गोमती चक्र को ही प्रयोग में लिया जाता है और यही बात चलते हुये व्यवसाय के लिये भी माना जा सकता है। जो व्यवसाय कल तक बहुत अच्छा चल रहा था और अचानक आज से क्या हुआ कि कोई ग्राहक मुड कर भी नही देख रहा है,इस बात को समझने के लिये आप ने कभी महसूस किया होगा कि जब आप बाजार जाते है और कोई सामान आपको लेना होता है एक दुकान पर काफ़ी भीड जमा होती है और एक दुकान वाला मक्खियां मार रहा होता है जबकि उसके पास भीड वाली दुकान से अधिक अच्छा और सस्ता सामान रखा दिखाई देता है लेकिन उस स्थान की तरफ़ जाने में पता नही क्यों आपके कदम नही मुडते है। यह प्रभाव ही राहु शनि के प्रभाव से युक्त माना जाता है। अगर इस प्रकार के व्यवसाय स्थान से कोई सामान ले भी लिया जाये तो उसके अन्दर कोई न कोई कमी जरूर मिलती है,भोजन वाला सामान है तो वह खाने पीने के बाद दिक्कत कर देता है और पहिनने वाला सामान है तो या तो वह जल जाता है फ़ट जाता है अथवा चोरी होजाता है या किसी कारण से पहिना ही नही जा सकता है। यही बात वाहन के लिये भी मानी जाती है उसी रास्ते से सभी वाहन जा रहे है लेकिन अचानक झपकी लगी और खरीदे गये वाहन की ऐसी की तैसी होने में देर नही लगती है,उसका भी कारण माना जाता है कि वाहन को किसी की नजर लगी है या वाहन को चलाने वाले पर किसी की नजर लगी है। वाहन के लिये भी गोमती चक्र अपने प्रकार की शक्ति से बचाकर रखता है,और द्रिष्टि दोष से दूर रखने में मदद करता है। इसे बच्चे को पहिना कर रखा जाये या धन स्थान में रखा जाये अथवा कार्य स्थान में अपने दाहिने हाथ की तरफ़ रखा जाये यह किसी भी प्रकार से अपने असर को खराब नही करता है।
मकान के वास्तु दोष के लिये भी इसका प्रयोग किया जाता है, चार गोमती चक्र को निश्चित मुहूर्त में सिन्दूर के साथ लाल कपडे में बांध कर मकान के मुख्य दरवाजे के ऊपर अन्दर की तरफ़ लटका देने से किसी भी प्रकार का वास्तु दोष होने पर उसके अन्दर सहायता मिलती है। अगर हर कमरे के बाहर की तरफ़ इसी प्रकार से लटका दिया जाये तो भोजन शयन शिक्षा और मेहमान आदि के प्रति अच्छे प्रभाव देखने को मिलते है।
व्यवसाय स्थान पर पीतल के लोटे में जल रखा जाये और साथ गोमती चक्र उसके अन्दर डालकर खुला रखा जाये तथा जिस स्थान पर व्यापारी की बैठक है उसके दक्षिण-पश्चिम दिशा में इसे ऊपर की तरफ़ स्थापित करने के बाद रखा जाये सुबह को उस लोटे से सभी गोमती चक्र को निकाल कर उस पानी को व्यसाय स्थान के बाहर छिडक दिया जाये और नया पानी भरकर फ़िर से गोमती चक्र डालकर रख दिया जाये तो व्यवसाय में बारह दिन के अन्दर ही फ़र्क मिलना शुरु हो जाता है।
जिस बच्चे को नजर लगती हो उसके गले में गोमती चक्र को मोर पंख के ऊपरी हिस्से के साथ लाल रंग के कपडे में ताबीज की तरह से बांध कर और लाल ऊन के धागे में गले में पहिना दिया जाये तो नजर दोष दूर होता देखा गया है इसके साथ बच्चे के अन्दर बुद्धि का तेज प्रभाव भी देखा गया है।
लाल चन्दन के साथ गोमती चक्र को घिस कर माथे पर तिलक जैसा लगाने के बाद किसी भी कोर्ट केश विवाद या किसी प्रतियोगिता में जाने से भी फ़र्क मिलता देखा गया है।
पति पत्नी सम्बन्धो में विवाद के चलते गोमती चक्र को चांदी की अंगूठी में उल्टा लगवा कर एक साथ पहिनने पर भी सम्बन्धो में सुधार देखा गया है।
सन्तान हीनता में गोमती चक्र को एक चम्मच शहद में सात फ़ेरा किसी पत्थर पर घिस कर एक गिलास दूध के साथ बासी पेट लेने से सन्तान के आने का कारण देखा गया है।
मति भ्रम वाले रोगों में चार तुलसी के पत्तों के साथ गोमती चक्र को हरे कपडे में ताबीज की तरह बांध कर हरी ऊन के धागे में बांध कर गले में पहिनने से भी मति भ्रम वाले रोगों में फ़ायदा होता देखा गया है।
वाहन के लगातार एक्सीडेंट होने पर गोमती चक्र को वाहन के आगे एरल्डाइट से चिपका कर ऊपर से स्वास्तिक का निशान बनाने से वाहन के साथ होने वाली दुर्घटना को भी कम होता देखा गया है।
कुन्डली के अनुसार लगन का राहु अगर शनि से युति करता है और शनि का प्रभाव अगर अष्टम के फ़ल को देने वाला होता है तो व्यक्ति के अन्दर शैतानी आंख की शक्ति को देता है अगर ऐसा व्यक्ति किसी के अच्छे कारण को देख ले तो उसके द्वारा देखे जाने या जलन रखने के कारण ही उस वस्तु व्यक्ति या स्थान पर दिक्कते पैदा हो जाती है। अक्सर इस प्रकार के राहु के प्रभाव को दूर करने के लिये लोग मोर पंख से झाडा लगाने का कार्य करते है और मोर पंख में इतनी ताकत होती है कि वह राहु के इस प्रकार के प्रभाव को दूर करने के लिये काफ़ी माना जाता है। दूध पीने वाले बच्चे या नया बना हुआ मकान राहु शनि की इस प्रकार की द्रिष्टि को रखने वाले व्यक्ति की नजर में आते ही अपनी ताकत को समाप्त करने लगते है बच्चे को तो मोर पंख से झाडा देकर ठीक किया जा सकता है लेकिन मकान के अन्दर मोर पंख की बिसात नही चल पाती है। इसके लिये केवल गोमती चक्र को ही प्रयोग में लिया जाता है और यही बात चलते हुये व्यवसाय के लिये भी माना जा सकता है। जो व्यवसाय कल तक बहुत अच्छा चल रहा था और अचानक आज से क्या हुआ कि कोई ग्राहक मुड कर भी नही देख रहा है,इस बात को समझने के लिये आप ने कभी महसूस किया होगा कि जब आप बाजार जाते है और कोई सामान आपको लेना होता है एक दुकान पर काफ़ी भीड जमा होती है और एक दुकान वाला मक्खियां मार रहा होता है जबकि उसके पास भीड वाली दुकान से अधिक अच्छा और सस्ता सामान रखा दिखाई देता है लेकिन उस स्थान की तरफ़ जाने में पता नही क्यों आपके कदम नही मुडते है। यह प्रभाव ही राहु शनि के प्रभाव से युक्त माना जाता है। अगर इस प्रकार के व्यवसाय स्थान से कोई सामान ले भी लिया जाये तो उसके अन्दर कोई न कोई कमी जरूर मिलती है,भोजन वाला सामान है तो वह खाने पीने के बाद दिक्कत कर देता है और पहिनने वाला सामान है तो या तो वह जल जाता है फ़ट जाता है अथवा चोरी होजाता है या किसी कारण से पहिना ही नही जा सकता है। यही बात वाहन के लिये भी मानी जाती है उसी रास्ते से सभी वाहन जा रहे है लेकिन अचानक झपकी लगी और खरीदे गये वाहन की ऐसी की तैसी होने में देर नही लगती है,उसका भी कारण माना जाता है कि वाहन को किसी की नजर लगी है या वाहन को चलाने वाले पर किसी की नजर लगी है। वाहन के लिये भी गोमती चक्र अपने प्रकार की शक्ति से बचाकर रखता है,और द्रिष्टि दोष से दूर रखने में मदद करता है। इसे बच्चे को पहिना कर रखा जाये या धन स्थान में रखा जाये अथवा कार्य स्थान में अपने दाहिने हाथ की तरफ़ रखा जाये यह किसी भी प्रकार से अपने असर को खराब नही करता है।
मकान के वास्तु दोष के लिये भी इसका प्रयोग किया जाता है, चार गोमती चक्र को निश्चित मुहूर्त में सिन्दूर के साथ लाल कपडे में बांध कर मकान के मुख्य दरवाजे के ऊपर अन्दर की तरफ़ लटका देने से किसी भी प्रकार का वास्तु दोष होने पर उसके अन्दर सहायता मिलती है। अगर हर कमरे के बाहर की तरफ़ इसी प्रकार से लटका दिया जाये तो भोजन शयन शिक्षा और मेहमान आदि के प्रति अच्छे प्रभाव देखने को मिलते है।
व्यवसाय स्थान पर पीतल के लोटे में जल रखा जाये और साथ गोमती चक्र उसके अन्दर डालकर खुला रखा जाये तथा जिस स्थान पर व्यापारी की बैठक है उसके दक्षिण-पश्चिम दिशा में इसे ऊपर की तरफ़ स्थापित करने के बाद रखा जाये सुबह को उस लोटे से सभी गोमती चक्र को निकाल कर उस पानी को व्यसाय स्थान के बाहर छिडक दिया जाये और नया पानी भरकर फ़िर से गोमती चक्र डालकर रख दिया जाये तो व्यवसाय में बारह दिन के अन्दर ही फ़र्क मिलना शुरु हो जाता है।
जिस बच्चे को नजर लगती हो उसके गले में गोमती चक्र को मोर पंख के ऊपरी हिस्से के साथ लाल रंग के कपडे में ताबीज की तरह से बांध कर और लाल ऊन के धागे में गले में पहिना दिया जाये तो नजर दोष दूर होता देखा गया है इसके साथ बच्चे के अन्दर बुद्धि का तेज प्रभाव भी देखा गया है।
लाल चन्दन के साथ गोमती चक्र को घिस कर माथे पर तिलक जैसा लगाने के बाद किसी भी कोर्ट केश विवाद या किसी प्रतियोगिता में जाने से भी फ़र्क मिलता देखा गया है।
पति पत्नी सम्बन्धो में विवाद के चलते गोमती चक्र को चांदी की अंगूठी में उल्टा लगवा कर एक साथ पहिनने पर भी सम्बन्धो में सुधार देखा गया है।
सन्तान हीनता में गोमती चक्र को एक चम्मच शहद में सात फ़ेरा किसी पत्थर पर घिस कर एक गिलास दूध के साथ बासी पेट लेने से सन्तान के आने का कारण देखा गया है।
मति भ्रम वाले रोगों में चार तुलसी के पत्तों के साथ गोमती चक्र को हरे कपडे में ताबीज की तरह बांध कर हरी ऊन के धागे में बांध कर गले में पहिनने से भी मति भ्रम वाले रोगों में फ़ायदा होता देखा गया है।
वाहन के लगातार एक्सीडेंट होने पर गोमती चक्र को वाहन के आगे एरल्डाइट से चिपका कर ऊपर से स्वास्तिक का निशान बनाने से वाहन के साथ होने वाली दुर्घटना को भी कम होता देखा गया है।