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घर बनाने का योग

अपने घर मे रहने की सभी की चाहत होती है लेकिन घर किस्मत से ही बनता है जब योग बनता है योग के साथ अन्य कारको का संयोग बनता है तो घर बनना शुरु हो जाता है।घर बनने का समय अलग अलग राशियों के लिये अलग जीवन के वर्षों मे आता है। शिक्षा शादी घर बच्चे,शिक्षा घर शादी बच्चे,घर शिक्षा शादी बच्चे,यह तीन कारण ही घर को बनाने के लिये माने जाते है। एक पिता की दो सन्तान है तो या तो पिता के बनाये हुये घर मे रहा जाये और पिता के बाद घर का बंटवारा करने के बाद अपने अपने कारणो से उस बने हुये घर मे रहना शुरू कर दे,कालान्तर में सन्तति के बढ़ने पर और कही जाकर अपने अपने आशियानों को बनाए.यह सिद्धांत घर शिक्षा शादी बच्चे के प्रति अपनी भावना को प्रस्तुत करता है,इसके बाद जब पढाई लिखाई पूरी कर ली और नौकरी आदि के लिए दूसरे स्थान पर जाना पड़ गया साथ ही जीवन साथी भी पढ़ा लिखा मिला तो दूसरी जगह ही शादी भी कर ली और शादी करने के बाद काम ऐसे शान पर मिला जहां से रोज रोज घर आना नहीं हो पाता घर भी वही बना लिया और बच्चे आदि वही पर हुए तो यह सिद्धांत शिक्षा शादी घर बच्चे पर निर्भर हो गया.इसके अलावा पिता के द्वारा कोइ व्यवसाय किया जा रहा है और उस व्यवसाय में ही जुड़ना पडा,व्यवसाय के चलते शिक्षा भी चलाती रही और समय आया तो शादी भी कर दी और शादी के बाद उसी व्यवसाय के स्थान के आसपास ही घर बना लिया यह सिद्धांत शादी शिक्षा घर बच्चे वाला हो गया.यह तीनो सिद्धांत ज्योतिष के अनुसार चौथे भाव आठवे भाव और बारहवे भाव से सम्बन्धित है.दूसरा भाव शिक्षा शादी और घर बच्चे वाला दूसरा सिद्धान्त घर शिक्षा शादी और बच्चे वाला है तीसरा सिद्धान्त जो बारहवे भाव से जुडा है घर शिक्षा और शादी बच्चे से सम्बन्धित होता है। अलग अलग राशियों के लिये अलग अलग सिद्धान्त होते है,जैसे मेष राशि वाला पैदा कहीं होगा पलेगा कहीं और शादी कहीं करेगा फ़िर बच्चे कहीं जाकर पैदा होंगे,वृष राशि वाला रहेगा एक ही क्षेत्र मे लेकिन उसकी घर बनाने की नीति शिक्षा की नीति और शादी करने की नीति भिन्नता मे होगी,मिथुन रासि वाला पैदा कही होगा शादी कहीं होगी और बच्चे कहीं पैदा होंगे और घर कहीं बनेगा,इसी प्रकार से कर्क राशि वाला रहेगा अपने ही घर पर लेकिन समय के अनुसार अपने अपने कारण से जायेगा चारो दिशाओ मे,सिंह राशि वाला पैदा होगा किसी स्थान पर अपने कार्य किसी स्थान पर करेगा और रहेगा किसी अन्य स्थान पर,कन्या राशि वाला कही पैदा होगा कही शादी होगी कही बच्चे पैदा होंगे और घर कहीं और बनेगा जाकर,इसी प्रकार से तुला राशि वाले के लिये भी है जहां पैदा होगा वहां शादी भी होगी पहला बच्चा भी वहीं पैदा होगा लेकिन घर कहीं जाकर बनायेगा,वृश्चिक रासि वाला जातक भी इसी प्रकार से रहेगा अपने ही स्थान पर लेकिन शादी कही करेगा घर बनाने के लिये अपने पिता के परिवार की तरफ़ ही भागेगा,धनु राशि वाला जातक भी मेष राशि की सोच का होगा और मकर राशि वाला कही पैदा होगा कहींजाकर पलेगा फ़िर शिक्षा किसी स्थान पर होगी काम कहीं करेगा लेकिन घर कहीं बनायेगा और रहेगा कहीं और जाकर,कुम्भ राशि वाला भी अपने पिता की जायदाद या पैदा होने वाले स्थान पर निर्भर रहेगा अधिकतर मामले मे इस राशि वाले की शादी होने के बाद वह पत्नी या पति पर ही निर्भर हो जाता है। मीन राशि वाला कभी अपने जन्म स्थान पर नही रहेगा वह बडे संस्थान बनाने के चक्कर मे जीवन भर भटकने के लिये माना जायेगा।

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